इस्लाम धर्म

क़ुरआन एवं हदीस के आलोक में

च- इबराहीम अलैहिस्सलाम

फिर इसके बाद अल्लाह ने इब्राहीम अलैहिस्सलाम को उनकी जाति की ओर उस समय भेजा जब वे सत्य के मार्ग से दूर चले गए थे और सितारों एवं मूर्तियों की पूजा करने लगे थे। अल्लाह तआला ने कहा है:

“और हम ने इस से पहले इब्राहीम को अच्छी समझ दी थी और हम उन्हें भली-भाँति जोनते थे।

जब उन्होंने अपने बाप तथा अपनी जाति से कहा: यह प्रतिमाएँ क्या हैं जिनकी तुम पूजा करते हो?

उन्होंने कहा: हमने अपने पूर्वजों को इनकी पूजा करते हुए पाया है।

इब्राहीम ने कहा: निश्चय तुम और तुम्हारे पूर्वज खुली गुमराही में थे।

उन्होंने कहा: क्या तुम हमारे पास सत्य धर्म लाए हो या केवल उपहास कर रहे हो?

उसने कहा: बल्कि तुम्हारा पालनहार आकाशों तथा धरती का पालनहार है जिसने उन्हें पैदा किया है और मैं इस पर साक्षी हूँ।

तथा अल्लाह की शपथ! मैं अवश्य ही तुम्हारे चले जाने के बाद तुम्हारी मूर्तियों के के ख़िलाफ कारवाई करुंगा।

फिर उन्होंने उनकी मूर्तियों का टुकड़े टुकड़े कर दिया, उनके बड़े के सिवा, ताकि वे उस (बुत) की ओर लौट कर आएं।

उन्होंने कहा: जिसने हमारे देवताओं की यह दशा की है? वास्तव में वह कोई अत्याचारी है!

लोगों ने कहा: हमने एक नवयुवक को उनकी चर्चा करते सुना है, जिसे इब्राहीम कहा जाता है।

लोगों ने कहा: उसे लोगों के सामने लाओ, ताकि वे देखें।

उन्होंने पूछा: हे इब्राहीम! क्या तूने ही हमारे पूज्यों के साथ यह किया है?

उन्होंने कहा: बल्कि ऐसा इनके इस बड़े ने किया है, अतः इन्हीं से पूछ लो यदि ये बोलते हों?

फिर वे अपने मन में सोच में पड़ गए, फिर आपस में एक दूसरे से कहने लगे: वास्तव में, तुम लोग अत्याचारी हो।

फिर जल्द ही वह सत्य मुकर गए और कहने लगे कि तुम तो जानते हो कि ये बोलते नहीं हैं।

इब्राहीम ने कहा: तो क्या तुम अल्लाह के सिवा उनकी इबादत करते हो, जो न तुम्हें कुछ लाभ और न हानि पहूँचा सकते हैं?

उफ़ (थू) है तुम पर और उन पर जिसकी तुम अल्लाह को छोड़कर इबादत (वंदना) करते हो, तो क्या तुम समझ नहीं रखते हो?

उन्होंने कहा: इसे जला दो तथा सहायता करो अपने पूज्यों की यदि तुम्हें कुछ करना है।

हमने कहा: हे अग्नि! तू इब्राहीम के लिए ठंड एवं शाँतिपूर्ण बन जा।

और उन्होंने उनके ख़िलाफ षडयंत्र करना चाहा, तो हमने उन्हीं को क्षतिग्रस्त कर दिया।”

[सूरह अल-अंबिया: 50-70]

इस के बाद इबराहीम अलैहिस्सलाम और उनके बेटे इस्माईल अलैहिस्सलाम फ़िलिस्तीन छोड़ कर मक्का चले गए, जहाँ अल्लाह ने दोनों बाप बेटा को काबा के निर्माण का आदेश दिया। काबा के निर्माण के बाद इबारहीम अलैहिस्सलाम ने लोगों को उसका हज करने और उसमें अल्लाह की इबादत करने का आदेश दिया।

“और हम ने इबराहीम और इस्माईल से कहा कि वह मेरे घर को तवाफ़ (परिक्रमा) तथा एतिकाफ़ करने वालों और सजदा तथा रुकू करने वालों के लिए पवित्र रखें।”

[सूरह अल-बक़रा: 125]

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